भूमंडलीकरण और भारत में मानवाधिकार = Bhumandlikaran Aur Bharat Mein Manavadhikar नीलिमा सिंह = Neelima Singh
Material type: TextLanguage: Hin. Publication details: Allahabad Adhyayan Publishers & Distributors 2012Description: 243p. 20 x 14 x 4 cmISBN:- 9788184353303
- 323.0954 SIN
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Books | Rashtriya Raksha University | 323.0954 SIN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 3050 |
भूमंडलीकरण शब्द विभिन्न अर्थों को समाहित किए हुए है। भूमंडलीकरण के इस युग में सूचना क्रान्ति ने जहाँ सकारात्मक प्रभाव डाला है तो वहीं उसके कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। यह हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक जीवन को प्रभावित कर रहा है। भूमंडलीकरण में मानव मूल्यों या कल्याण के स्थान पर लाभ प्रत्येक कार्य का आधार हो गया है। इस सन्दर्भ में यह आवश्यक हो गया है कि भारत में मानवाधिकारों पर भूमंडलीकरण के प्रभाव का विश्लेषण किया जाए। प्रस्तुत पुस्तक में 'भूमंडलीकरण का भारत में मानवाधिकारों पर प्रभाव' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत लेखों का संकलन है। इस संगोष्ठी में विद्वानों ने यह विचार रखे कि भूमंडलीकरण के द्वारा जहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि, काम का अधिकार व रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है वहीं दूसरी तरफ भारत के लघु उद्योग एवं कृषकों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। यद्यपि महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है परन्तु प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से उसके शोषण में वृद्धि हुई है। प्रस्तुत पुस्तक में व्यक्त विचारों के मन्थन द्वारा जन-मानस विशेष रूप से बौद्धिक जगत एवं युवा वर्ग को भूमंडलीकरण के मानव अधिकारों पर सकारात्मक प्रभाव को आत्मसात करने एवं नकारात्मक प्रभाव को निष्प्रभावी करने की दिशा में चिन्तन करने हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया गया है।
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