व्यक्ति और मानवाधिकार = Vyakati Aur Manavadhikar
कृष्ण कुमार शर्मा = Krishna Kumar Sharma
- New Delhi Arjun Publishing House 2012
- 250p. 20 x 14 x 4 cm
व्यक्ति और मानवाधिकार
आधुनिक समाज में व्यक्ति की गरिमा का आदर्श मानदण्ड उसके अधिकारों की संरचना है। अधिकार शब्द स्वयं में एक रहस्यमय विषय है। क्योंकि अन्ततोगत्वा अधिकारों का सम्बन्ध व्यक्ति के अंग से है और व्यक्ति का अहं तर्क और धारणाओं से परे कोई अनूठा रहस्यमय तत्त्व है। व्यवहार में और वैज्ञानिक परीक्षण के दृष्टिकोण से अधिकारों का सम्बन्ध स्वत्व से होता है। अधिकारों में स्वामित्व अथवा निर्जीव की भावना है। अतः यह स्पष्ट है कि अधिकारों का जन्म उस युग में हुआ होगा।
प्रस्तुत पुस्तक में मानवाधिकार से सम्बन्धित सिद्धान्तों को समावेशित किया गया है। मानवाधिकार का सर्वागीण विवेचन विस्तृत रूप से किया गया है। पुस्तक की भाषा सरल और सुबोध है। विधि, राजनीतिशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों और सिविल सेवा वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक विशेष उपयोगी सिद्ध होगी। इसके अलावा अध्यापक, शोधकर्त्ता और सामान्य पाठक के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।