सामाजिक न्याय और मानवाधिकार = Samajik Nyaya Aur Manavadhikar कृष्ण कुमार शर्मा = Krshn Kumaar Sharma
Material type: TextLanguage: Hin. Publication details: New Delhi Arjun Publishing House 2012Description: 294p. 20 x 14 x 4 cmISBN:- 9788183303439
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सामाजिक न्याय और मानवाधिकार
मानव अधिकार मानवीय व्यक्ति से निकलते हैं। लोकतंत्र में मानवीय व्यक्तित्व सभी वस्तुओं का अन्तिम मापदण्ड है। मानव अधिकार मर्मभूत रूप से लोकतंत्र के उत्पाद हैं। अतएव प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार सार्वभौम मानव अधिकार चार्टर में विस्तार से व्याप्त है। पुरुष और स्त्री शताब्दियों से इस अधिकार से वंचन के शिकार रहे हैं। विश्व में कई समाज ऐसे हैं जहाँ इस अधिकार को कुचल दिया गया है। इस प्रकार यह स्वाभाविक था कि सार्वभौम अधिकार चार्टर में इस अधिकार के सभी आयामों पर विस्तारपूर्वक विचार किया गया है। सार्वभौम घोषणा और दोनों अन्तर्राष्ट्रीय प्रसंविदाओं में अनेक अनुच्छेद हैं जो इस अधिकार के बारे में चिन्ता प्रकट किए हैं और इस अधिकार के संरक्षण के लिए उपबंध किया है क्योंकि इसके बिना सभी अधिकार व्यर्थ हो जाते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में मानवाधिकार से सम्बन्धित सिद्धान्तों को समावेशित किया गया है। मानवाधिकार का सर्वागीण विवेचन विस्तृत रूप से किया गया है। पुस्तक की भाषा सरल और सुबोध है। विधि, राजनीतिशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों और सिविल सेवा वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक विशेष उपयोगी सिद्ध होगी। इसके अलावा अध्यापक, शोधकर्त्ता और सामान्य पाठक के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।
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