नक्सलवाद : अतंक या आंदोलन = Naksalvaad : Atank Ya Andolan प्रतिमा चतुर्वेदी = Pratima Chaturvedi
Material type: TextLanguage: Hin. Publication details: Jaipur Yling Books 2011Description: 231pISBN:- 9789380930237
- 322.420954 CHA
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Books | Rashtriya Raksha University | 322.420954 CHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 3171 |
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"नक्सलवाद एक ऐसा शब्द जिसने भारत की कई प्रान्तीय सरकारों और केन्द्र सरकार को हमेशा से ही पेरशान रखा है। नक्सली आंदोलन असल में आदिवासियों की जमीनी लड़ाई, हक की लड़ाई या यूँ कहें खुद को बचाने की लड़ाई है। इसके दो पहलू है. आदिवासियों को उनका हक मिले और वनभूमि पर उनका जायज कब्जा हो लेकिन इसके लिए आन्दोलन की हिंसात्मक गतिविधि को कितना जायज ठहराया जाए इस पुस्तक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। यदि नक्सलवाद के इतिहास को खंगाला जाए तो हमें पता लगता है कि नक्सलवाद पर साम्यवाद का भी अच्छा खासा प्रभाव रहा है। इस पुस्तक में नक्सली आंदोलन की पूर्व और वर्तमान दशा के साथ-साथ दिशा को बताया गया है। वामपंथी राजनीति हमेशा से नक्सल आंदोलन के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है। इस पुस्तक में वामपंथी राजनीति को भी समझने का प्रयास किया गया है। बिहार जैसे राज्यों में निजी सेना की परम्परा और उसका उपयोग कितना सार्थक रहा है यह भी इस पुस्तक के माध्यम से स्पष्ट होता है। नक्सली आंदोलन के तहत रणवीर सेना की उत्पति और विकास को भी इस पुस्तक में शामिल किया गया है। इन सभी के साथ नक्सलवाद पर भारतीय राजनीति की उठा-पटक को विस्तृत रूप से समझाया गया है। नक्सली समस्या, हिंसा या अहिंसा के रास्ते क्या कभी सुलझ पाएगी इस प्रश्न के इर्द-गिर्द इस पुस्तक की रचना की गई है।
विषय-सूची
• नक्सली आन्दोलन दशा एवं दिशा
• नक्सलवाद का इतिहास
• नक्सलवाद पर साम्यवाद का प्रभाव
• नक्सलवाद पर वामपंथी राजनीति का प्रभाव
• बिहार में नक्सलवाद एवं निजी सेना की परम्परा
• रणवीर सेना : उद्भव एवं विकास
• भारतीय राजनीति और नक्सली आन्दोलन
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