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मानवाधिकार एवं दलित चेतना = Manavadhikar Evam Dalit Chetana कृष्ण कुमार शर्मा = Krishna Kumar Sharma

By: Material type: TextTextLanguage: Hin. Publication details: New Delhi Arjun Publishing House 2012Description: 265p. 20 x 14 x 4 cmISBN:
  • 9788183303491
Subject(s): DDC classification:
  • 305.56880954 SHA
Summary: मानवाधिकार एवं दलित चेतना मानव से ही मानवता का, अर्थात् इन्सान से ही इन्सानियत का जन्म होता है, जो सभी धर्म, दर्शनों का सार है। जाति, भाषा, धर्म, सम्प्रदाय क्षेत्रीयता, वर्ग भेद आदि के संघर्ष प्रत्येक युग के इतिहास में मिलते हैं। दम्भ एवं मिथ्याभिमान किसी भी व्यक्ति, समाज के पतन का कारण बनते हैं। अपनी श्रेष्ठता का मिथ्याभिमान और दम्भ ही जर्मनी को ले डूबा। जातीय संकीर्णता एवं विविध अंधविश्वास मानवता के विकास के मार्ग पर बाधा बनते आये हैं। समय-समय पर इन अमानवीय प्रथाओं के विरोध एवं खण्डन हेतु अथक प्रयास होते रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक में मानवाधिकार से सम्बन्धित सिद्धान्तों को समावेशित किया गया। मानवाधिकार का सर्वागीण विवेचन विस्तृत रूप से किया गया है। पुस्तक की भाषा सरल और सुबोध है। विधि, राजनीतिशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों और सिविल सेवा वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक विशेष उपयोगी सिद्ध होगी। इसके अलावा अध्यापक, शोधकर्त्ता और सामान्य पाठक के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।
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Books Books Rashtriya Raksha University 305.56880954 SHA (Browse shelf(Opens below)) Available 3161

मानवाधिकार एवं दलित चेतना

मानव से ही मानवता का, अर्थात् इन्सान से ही इन्सानियत का जन्म होता है, जो सभी धर्म, दर्शनों का सार है। जाति, भाषा, धर्म, सम्प्रदाय क्षेत्रीयता, वर्ग भेद आदि के संघर्ष प्रत्येक युग के इतिहास में मिलते हैं। दम्भ एवं मिथ्याभिमान किसी भी व्यक्ति, समाज के पतन का कारण बनते हैं। अपनी श्रेष्ठता का मिथ्याभिमान और दम्भ ही जर्मनी को ले डूबा। जातीय संकीर्णता एवं विविध अंधविश्वास मानवता के विकास के मार्ग पर बाधा बनते आये हैं। समय-समय पर इन अमानवीय प्रथाओं के विरोध एवं खण्डन हेतु अथक प्रयास होते रहे हैं।

प्रस्तुत पुस्तक में मानवाधिकार से सम्बन्धित सिद्धान्तों को समावेशित किया गया। मानवाधिकार का सर्वागीण विवेचन विस्तृत रूप से किया गया है। पुस्तक की भाषा सरल और सुबोध है। विधि, राजनीतिशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों और सिविल सेवा वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक विशेष उपयोगी सिद्ध होगी। इसके अलावा अध्यापक, शोधकर्त्ता और सामान्य पाठक के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।

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